एक खता के बदले

इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से यूँ मदहोश
होकर ….
दुनिया वाले एक खता के बदले सारी वफ़ाएं भुला देते
हैँ….!!!

खुदा से भी माँगा

अमल से भी माँगा वफा से भी माँगा,

तुझे मैने तेरी रजा से भी माँगा,

ना कुछ हो सका तो दुआ से भी माँगा,

कसम है खुदा की खुदा से भी माँगा

ज़मीं पर वो

ज़मीं पर वो मेरा नाम लिखते है और मिटाते है…
उनका तो टाइम पास हो जाता है
कमबख्त मिटटी में हम मिल जाते है

अजीब चीज बनायीं

मोहब्बत भी अजीब चीज बनायीं खुदा तूने,तेरे ही मंदिर में, तेरी ही मस्जिद में, तेरे ही बंदे, तेरे ही सामने रोते हैं, तुझे नहीं,किसी और को पाने के लिए!