खामोशियाँ कत्ल कर रही है कुछ रिश्तों को…
चलो आज मिलकर उन रिश्तो को दफ़न कर दे…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
खामोशियाँ कत्ल कर रही है कुछ रिश्तों को…
चलो आज मिलकर उन रिश्तो को दफ़न कर दे…
तेरे बिना मैं मुकम्मल तो नहीं,
फिर भी जाने दे रहा हूँ तुम्हें ,
वक़्त की तरह …
ये दिल जो तेरे दर्द से आशना हो गया है,
अब इस दर्द को हम तेरी मेहरबानी लिखते हैं …
यहां है हर एक अब ज़ात पांत का कैदी।
दिखे है बच्चा बूढ़ा औ जवान पिंजरे में।
पहाड़ो से जो गिरते हैं खड़े हो ही जाते हैं।
मगर गिरना कभी अपनी नज़र अच्छा नहीं लगता।
Ye aur baat hai ki izhaar na ho saka hum se Lekin,
Nahi hai tum se muhabbat ye kaun kehta hai..
कोई चिड़िया रास्ता भूलकर कमरे के अंदर आ जाये,
तो पंखा बंद कर उसे रास्ता दिखाना भी मोहब्बत है |
उम्र छोटी है तो क्या..जीवन का हरेक मंजर देखा हैं..!
फरेबी मुस्कुराहटें देखी है..बगल मे छुपा खंजर देखा हैं..
होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज़ है ,
इश्क़ कीजिए फिर समझिए जिंदगी क्या चीज़ है |
ना हीरो की तमन्ना है और ना परियों पे मरता हूँ ,
वो एकभोली सी लडकी है जिसे मैं मोहब्बत करता हूँ|