उनके आने के इंतज़ार

उनके आने के इंतज़ार में हमनें;
सारे रास्ते दिएँ से जलाकर रोशन कर दिए!
उन्होंने सोचा कि मिलने का वादा तो रात का था;
वो सुबह समझ कर वापस चल दिए।

मेरे अश्कों में

मेरे अश्कों में तेरा चेहरा झलकता हैं,

तेरी यादों के सहारे दिल मेरा धड़कता हैं,

तु जो दूर हुआ हैं मुझसे…

साँसो का सिलसिला

रूक-रूक फिर तुझसे

मिलने चल पड़ता हैं…

पास आकर सभी

पास आकर सभी दूर चले जाते हैं;
अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते हैं;
इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे;
मल्हम लगाने वाले ही जखम दे जाते हैं!