हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला जो दिया,
हँस के वो कहने लगे रात गई बात गई|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला जो दिया,
हँस के वो कहने लगे रात गई बात गई|
मत कर इतना गुरुर खुद पर…
हमने चाहना छोड़ दिया…
तो लोग पूछना भी छोड़ देंगे|
जिन्दगी ने सवालात बदल डाले, वक्त ने हालात बदल डाले,
हम तो आज भी वही हैं जो कल थे,
बस लोगों ने अपने ख्यालात बदल डाले।
मुहब्बत क्या है चलो दो लफ़्ज़ों में बताते हैं,
तेरा मजबूर कर देना,मेरा मज़बूर हो जाना।।
उनके आने के इंतज़ार में हमनें;
सारे रास्ते दिएँ से जलाकर रोशन कर दिए!
उन्होंने सोचा कि मिलने का वादा तो रात का था;
वो सुबह समझ कर वापस चल दिए।
मेरे अश्कों में तेरा चेहरा झलकता हैं,
तेरी यादों के सहारे दिल मेरा धड़कता हैं,
तु जो दूर हुआ हैं मुझसे…
साँसो का सिलसिला
रूक-रूक फिर तुझसे
मिलने चल पड़ता हैं…
तब्दीली जब भी आती है मौसम की अदाओं में
किसी का यूँ बदल जाना बहुत ही याद आता है …
तीन शब्दों में मैंने ज़िन्दगी में जो कुछ भी सीखा है
उसका सार दे सकता हूँ ज़िन्दगी चलती जाएगी|
झूठी मोहब्बत वफा के वादे साथ निभाने की कस्मे,
कितना कुछ करते है लोग सिर्फ वक्त गुजारने के लिए..
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं;
अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते हैं;
इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे;
मल्हम लगाने वाले ही जखम दे जाते हैं!