हर रोज़ दरवाजे के नीचे से सरक कर
आती है सारे जहान की ख़बरें…
एक तेरा हाल ही जानना इतना मुश्किल क्यूं है…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हर रोज़ दरवाजे के नीचे से सरक कर
आती है सारे जहान की ख़बरें…
एक तेरा हाल ही जानना इतना मुश्किल क्यूं है…
रूह तो जिसकी थी वो ले गया,जिस्म के दावेदार यहाँ हज़ारों हैं!
ज़हर लगते हो तुम मुझे जी करता है खा कर मर जाऊँ!
सन्नाटा छा गया बँटवारे के किस्से में,
जब माँ ने पूँछा- मैं हूँ किसके हिस्से में
मैं पेड़ हूं हर रोज़ गिरते हैं पत्ते मेरे ,फिर भी हवाओं से,,
बदलते नहीं रिश्ते मेरे
वो भी ना भूल पाई होगी मुझे…
क्योंकि बुरा वक्त सबको याद रहता हैं।
जहाँ आपको लगे कि आपकी जरूरत नही है..
वहां ख़ामोशी से खुद को अलग कर लेना चाहिए!!
एक जुल्म ही तो है इंसानों पर,
जिसे लोग मोहब्बत कहते है !!
माना उन तक पहुंचती नहीं तपिश हमारी,
मतलब ये तो नहीं कि, सुलगते नहीं हैं हम….!!!
हर शख्स की अपनी कुछ मजबूरियाँ हैं,
कुछ समझ पाते हैं और कुछ रूठ जाते हैं।