बेनाम सा रिश्ता

बेनाम सा रिश्ता यूँ पनपा है
फूल से भंवरा ज्यूँ लिपटा है
पलके आंखे, दिया और बाती
ऐसा ये अपना रिश्ता है.!!!!

माना की आज

माना की आज इतना वजुद नही हे मेरा पर…

बस उस दिन कोई पहचान मत निकाल लेना जब मे कुछ बन जाऊ…