जब तक बिके न थे हम, कोई हमें पूछता न था,
तूने खरीद के हमें, अनमोल कर दिया |
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ख़्वाबों को इश्क़ का
ख़्वाबों को इश्क़ का एक जहाँ देते है,
चलो के अब नींद को आँखों में पनाह देते है…
मेरी वफ़ा का
मेरी वफ़ा का कभी इम्तिहान मत लेना
की मेरे दिल को तेरे लिए हारने की आदत है…..
मुफ़लिस के बदन को
मुफ़लिस के बदन को भी है चादर की ज़रूरत,
अब खुल के मज़ारों पर ये ऐलान किया जाए..!!
जिसके लिए लिखता हूँ
जिसके लिए लिखता हूँ आज कल वो कहती हैं अच्छा लिखते हो… उनको सुनाऊँगी….
बदन तो खुश हैँ
बदन तो खुश हैँ खुद पर रेशमी कपड़ो को पाकर
मग़र ज़मीर रो रहा हैं की मैं बिक गया कैसे…..
मजबूर किया तुमने
मजबूर किया तुमने नज़र अंदाज़ करने पर
वरना हम तो तेरे हर अंदाज पर तेरी नज़र उतारा करते थे…..
एक वो दिन
एक वो दिन जब लाखों गम और काल पड़ा है आंसू का,
एक वो दिन जब एक जरा सी बात पे नदियां बहती थीं।
कभी खो लिया
कभी खो लिया
कभी पा लिया
कभी रो लिया
कभी गा लिया
कभी छीन लेती है हर ख़ुशी
कभी मेहरबान बेहिसाब है।
ये जो ज़िन्दगी की
ये जो ज़िन्दगी की किताब है
ये किताब भी क्या किताब है
कभी इक हसीं सा ख्वाब है
कभी जानलेवा अज़ाब है।