तुम तो फुहार सी थीं….

तुम तो फुहार सी थीं…. पर तुम्हारी यादें… मूसलाधार हैं…

पत्तें से गिरती बून्द

पत्तें से गिरती बून्द हो या गीले बालों से… मौसम का असर तो दोनों पर ही जवां हैं..

दबे पाँव आती रही

दबे पाँव आती रही यादें सब तुम्हारी, एक बार भी यादों के संग तुम नहीं आये…

भांप ही लेंगे

भांप ही लेंगे, इशारा सरे महफ़िल जो किया…..! ताड़ने वाले क़यामत की नज़र रखते हैं….

अच्छा हैं आँखों पर

अच्छा हैं आँखों पर पलकों का कफ़न हैं.. वर्ना तो इन आँखों में बहुत कुछ दफन हैं.!

वो लोग अपने आप में

वो लोग अपने आप में कितने अज़ीम थे जो अपने दुश्मनों से भी नफ़रत न कर सके

हर रात मैं लिखूं….

हर रात मैं लिखूं…. ज़रूरी तो नहीं…. कभी-कभी लफ्ज़ भी सोया करते है…

खो गई है

खो गई है मेरे यार के चेहरे की चमक…..! चाँद निकले तो जरा उसकी तलाशी लेना….

क्या किस्मत पाई है

क्या किस्मत पाई है रोटीयो ने भी निवाला बनकर रहिसो ने आधी फेंक दी, गरीब ने आधी में जिंदगी गुज़ार दी!!

कागज़ कलम मैं

कागज़ कलम मैं तकिये के पास रखता हूँ, दिन में वक्त नहीं मिलता,मैं तुम्हें नींद में लिखता हूँ..

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