तकिये के लिहाफ में छुपाकर रखी हैं तेरी यादें,
जब भी तेरी याद आती है मुँह छुपा लेता हूँ
Tag: Hindi Shayri
उम्र भर ख़्वाबों की
उम्र भर ख़्वाबों की मंज़िल का सफ़र जारी रहा,
ज़िंदगी भर तजरबों के ज़ख़्म काम आते रहे…
कोई होंठों पे
कोई होंठों पे उंगली रख गया था…
उसी दिन से मैं लिखकर बोलता हुँ|
सने ऐसी चाल चली
सने ऐसी चाल चली के मेरी मात यकीनी थी,
फिर अपनी अपनी किस्मत थी,
हारी मैं, पछताया वो…..!!!!!!
ये तो कहिए
ये तो कहिए इस ख़ता की क्या सज़ा,
ये जो कह दूं के आप पर मरता हूं मैं।।
रात हुई है
रात हुई है चाँद ज़मीं पर हौले-हौले उतरा है…..!!
तुम भी आ जाते तो सारा नूर मुकम्मल हो जाता…..!!
इश्क़ का रंग
इश्क़ का रंग और भी गुलनार हो जाता है….
जब दो शायरों को एक दुसरे से प्यार हो जाता है |
शाख़ पर रह कर
शाख़ पर रह कर कहाँ मुमकिन था मेरा ये सफ़र,
अब हवा ने अपने हाथों में सँभाला है मुझे…
शिकवा तकदीर का
शिकवा तकदीर का, ना शिकायत अच्छी,
वो जिस हाल में रखे, वही ज़िंदगी अच्छी
तौबा तो कर चुके हैं
मुहब्बत से तौबा तो
कर चुके हैं मगर
थोडा जहर ला के दे दो आज
तबियत उदास है|