ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र बढने के साथ…
बचपन कि जिद समझोतों में बदल जाती है..!!
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मिज़ाज को समझने के लिए
मेरे मिज़ाज को समझने के लिए, बस इतना ही काफी है,
मैं उसका हरगिज़ नहीं होता…..
जो हर एक का हो जाये।
मेरे गुनाह भी ना थे
ज़िन्दगी मिली भी तो क्या मिली,
बन के बेवफा मिली…..
इतने तो मेरे गुनाह भी ना थे,
जितनी मुझे सजा मिली..
चाहने वालों में
मै तो ग़ज़ल सुना कर अकेला खडा रह गया
सुनने वाले सब अपने चाहने वालों में खो गए..
तेरे साथ की ख़ातिर
सफ़र-ए-ज़िन्दगी में
इक तेरे साथ की ख़ातिर..!!
उन रिश्तों को भी
नज़रअंदाज़ किया जो हासिल थे..!!
आज रिश्वत लेते पकड़ा गया
आइना फिर आज रिश्वत लेते पकड़ा गया…
दिल में दर्द था, फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया….!
बारिश में रख दो
बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को,
कि धुल जाए स्याही,
ज़िन्दगी तुझे फिर से लिखने का
मन करता है कभी- कभी।।
बिछड़ने का इरादा
बहुत नजदीक आ जाते हैं वो लोग,
जो बिछड़ने का इरादा रखते है…!!.
बच्चे मेरे गली के
बच्चे मेरे गली के बहुत ही शरारती हैं,
आज फिर तुम्हारा नाम मेरी दीवार पर लिख गये..
मशहूर हो गये हैं
जब से वो मशहूर हो गये हैं,
हमसे कुछ दूर हो गये हैं…