मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ…
माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ|
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मेरे हाथों को मालूम है
मेरे हाथों को मालूम है तुम्हारे गिरेबानों का पता,
चाहूं तो पकड़ लूं पर मजा आता है माफ करने में ।
सभी ने देख लिया
तुम्हारी बात तुम्हारे ख्यालों मै गुमसुम !!
सभी ने देख लिया मुझको मुस्कुराते हुए !!
तुम नहीं आओगी
तुम नहीं आओगी कभी यह जानता हूँ ,
फिर भी दरवाजे पर हर दस्तक मुझे अपनी सी लगती है|
अभी महफ़िल ना उठाओ
रुको अभी महफ़िल ना उठाओ….
कि एक नया दर्द लेकर आया हु अभी अभी|
कुछ तो असर था
कुछ तो असर था उसकी मुस्कराहट
मे तभी तो..!!
आज भी ये दिल दुनिया कि भिड़ मे
उसे ही ढूंढता है..!!
अभी-अभी एक
अभी-अभी एक टूटा तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था,
चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा बिलकुल तेरे जैसा था !
कभी उदास बेठे हो
कभी उदास बेठे हो तो बताना…
पगली हम फिर से दिल दे देंगे खेलने के लिए
गुज़रे हुए लम्हों का
हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला जो दिया,
हँस के वो कहने लगे रात गई बात गई|
मत कर इतना गुरुर
मत कर इतना गुरुर खुद पर…
हमने चाहना छोड़ दिया…
तो लोग पूछना भी छोड़ देंगे|