तज़ुर्बा है मेरा…. मिट्टी की पकड़
मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने …..पाँव फिसलते देखे हैं…!
Tag: Hindi Shayri
मैने हर दौर मे
मैने हर दौर मे हर नसल के कातिल देखे!
मै मुहबत हूँ ; मेरी उमर बढी है यारो!
काश वो आकर कहे
काश वो आकर कहे, एक दिन मोहब्बत से……!!
ये बेसब्री कैसी ? तेरी हूँ, तसल्ली रख…!!
क्या बताऊ जब
क्या बताऊ जब वो उफ़ कहा करती है
कसम से उम्र जिंदगी की बढ़ जाती है|
तूने मेरी मोहब्बत की
तूने मेरी मोहब्बत की गहराईयों को समझा ही नहीं ऐ सनम..!
तेरे बदन से जब दुपट्टा सरकता था तो हम “अपनी” नज़रे झुका लेते थे..!
एक दरवाजा क्या खुला
एक दरवाजा क्या खुला मुझमे
फिर तो हर कोई आ बसा मुझमे|
हजारों शेर मेरे सो गये
हजारों शेर मेरे सो गये कागज की कब्रों में
अजब पिता हूँ कोई बच्चा मेरा ज़िन्दा नहीं रहता|
नींद आँखों में लिये
नींद आँखों में लिये, सुस्त पड़ी है कागज पर,
थकान लफ्ज़ों की मेरे, उतरी नहीं अब तक…
कमाल का ताना मारा है
कमाल का ताना मारा है आज जिन्दगी ने की,
अगर कोई तेरा है तो वो तेरे पास क्यूँ नहीं है !!
ऐ ग़रीबी देख रस्ते में
ऐ ग़रीबी देख रस्ते में हमें मत छोड़ना…
ऐ अमीरी दूर रह नापाक हो जाएँगे हम…