तू चाहे कितनी भी तकलीफ दे दे….!!!
सुकुन भी सिर्फ उसी के पास ही मिलता है…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तू चाहे कितनी भी तकलीफ दे दे….!!!
सुकुन भी सिर्फ उसी के पास ही मिलता है…!!
तुमसे किसने कह दिया कि मुहब्बत की बाजी हार गए हम? अभी तो दाँव मे चलने के लिए मेरी जान बाकी है !
सब कहते हैं ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार प्यार करना चाहिए लेकिन तुमसे तो मुझे बार बार प्यार करने को दिल चाहता है।
खूश्बु कैसे ना आये मेरी बातों से यारों मैंने बरसों से एक ही फूल से जो मोहब्बत की है ।
,हम कब के मर चुके थे जुदाई में ऐ अजल….जीना पड़ा कुछ और तेरे इन्तिजार में….
समुद्र बड़ा होकर भी,
अपनी हद में रहता है,
जबकि इन्सान छोटा होकर भी
अपनी हद भूल जाता है…
कभी कभी धागे बड़े कमज़ोर चुन लेते है हम !
और फिर पूरी उम्र गाँठ बाँधने में ही निकल जाती है ….!!!
तेरी शब मेरे नाम हो जाये
नींद मुझ पर हराम हो जाये
लौट आता है घर परिन्दा भी
इससे पहले कि शाम हो जाये
मेरी हर बात का जवाब रखते हो तुम
क्या साथ में कोई किताब रखते हो तुम
मैं बंद आंखों से उसको देखता हूं
हमारे बीच में पर्दा नहीं है|