ऐ जिन्दगी तेरे जज्बे
को सलाम…
मंजिल पता है के मौत है
फिर भी दौड रही है….।।
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जाने किस किस को
जाने किस किस को लूटा है इस चोर ने मसीहा बनकर,
के आओ
सब मिलकर इश्क पे मुकदमा कर दें….
नाराजगी चाहे कितनी भी
नाराजगी चाहे कितनी भी क्यो न हो तुमसे
तुम्हें छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नही रखते |
एक मैं हूँ
एक मैं हूँ , किया ना कभी सवाल कोई, एक तुम हो , जिसका कोई नहीं जवाब…
फलसफा सीखना है
फलसफा सीखना है ज़िंदगी का उन परिंदों से,
जो कूड़े में पड़ा गेंहू का दाना ढूंढ लेते हैं।।
कौन कहता है
कौन कहता है ,आंसुओं में वजन नहीं होता l
एक आंसू भी छलक जाता है तो मन हल्का हो जाता l
क्या हो जब इश्क
क्या हो जब इश्क अकेलेपन से हो जाए..
साथ होना किसी का या ना होना इक सी बात हो जाए..!!
नाराज होकर छोड़कर
नाराज होकर छोड़कर जाने वाला वापास आ सकता है
लेकिन मुस्करा कर छोड़कर जाने वाला वापस नही आता
वो बुलंदियाँ भी
वो बुलंदियाँ भी किस काम की जनाब,,
कि इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जायें…??
तेरी सूरत को
तेरी सूरत को जब से देखा है,
लोग मेरी आंखो पे मरते है..!!