मुझे लहज़े खफ़ा करते हैं तुम्हारे, लफ़्जों के तो ख़ैर आदी है हम….
Tag: Hindi Shayri
अब अख़रने लगी थी
नज़दीकियाँ अब अख़रने लगी थी उन्हें…
कुछ यूँ भी मैंने फ़ासलों से दोस्ती कर ली.
आदत पड गयी है
आदत पड गयी है सभी को ,
प्यार अब हर किसी को कहां होता है ?
प्यार कमजोर दिल से
प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता!
ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता!
दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की!
उस के बिना जिया नहीं जा सकता!
दीवाना पूछता है
दीवाना पूछता है ये लहरों से बार-बार…
कुछ बस्तियाँ यहाँ थीं बताओ किधर गईं…!!!
सोचता तक नहीं हूँ
सोचता तक नहीं हूँ यारा कभी, मेरे मुकद्दर मै क्या क्या है
मुस्करा कर मुलाकात करता हूँ वक्त के हर एक लम्हे से|
आसमान की ऊँचाई
आसमान की ऊँचाई नापना छोड़ दे…
जमीन की गहराई बढ़ा, अभी ओर नीचे गिरेंगे लोग..
बस इतनी सी
बस इतनी सी बात पर हमारा परिचय तमाम होता है !
हम उस रास्ते नही जाते जो रास्ता आम होता है…!!!
तेरा प्यार मुझको
तेरा प्यार मुझको तड़पाता ही रहता है!
तेरा ख्वाब मुझको तरसाता ही रहता है!
बन चुकी है जिन्द़गी जुल्मों-सितम की यादें,
मेरा नसीब मुझको तो रुलाता ही रहता है!
एक उम्र है
एक उम्र है जो तेरे बगैर
गुजारनी है.,
और एक लम्हा है जो तेरे बगैर
गुजरता नहीं……….