डाल से टूट कर मिट्टी में मिल जाऊँगा…
इश्क़ का फूल हूँ महकूँगा मर जाऊँगा|
Tag: Hindi Shayri
क्या सुनाऊ अपनी
क्या सुनाऊ अपनी जिंदगी की कहानी दोस्तों…
समुन्दर पर राज था फिर भी जिंदगी भर प्यासा ही रहा…
हम आईना हैं
हम आईना हैं, आईना ही रहेंगे
फ़िक्र वो करें
जिनकी शक्लो में कुछ
और
दिल में कुछ और है!
उम्र भर जिस दुनियॉं के लिए
उम्र भर जिस दुनियॉं के लिए लड़े थे हम…
आखिरी वक्त में वहीं तन्हा खड़े थे हम |
मुद्दतों बाद इक ख़ुशी का
मुद्दतों बाद इक ख़ुशी का पता मिला है मुझे,
वो जो कहीं बहुत दूर था आज मिला है मुझे,
उसके इस अनकहे एहसास में डूबा रहा हूँ मैं,
वो जब अश्क लिये आँखों में गले मिला है मुझे..
मेरे हिस्से का वक़्त
मेरे हिस्से का वक़्त कहाँ रखते हो ?
देखो तो सही ……
इक समुन्दर उग आया होगा वहां ..
टूट जाने में
टूट जाने में खिलौनों की तरह होता है,
आदमी इश्क़ में बच्चों की तरह होता है।
वो रोज मुझको
वो रोज मुझको देती है जीने के मशवरे…
और वो खुद अपनी मुठ्ठी में मेरी जान लिये बैठी है|
शम्मे न जला तू
शम्मे न जला तू अभी,
रहने दे अंधेरे को..
तू रात के पहलू में |
एक चांद सी लगती है
मेरे दर्द भरे
मेरे दर्द भरे उदास शेर को हौंसला देने वालों,
ज़रा मेरे शिकार लफ़्ज़ों की भी तबियत पूछ लेते।