तुमसे मोहब्बत की होती तो शायद तुम्हें भुला भी देते,
इबादत की है, मरते दम तक सजदे करेंगे..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तुमसे मोहब्बत की होती तो शायद तुम्हें भुला भी देते,
इबादत की है, मरते दम तक सजदे करेंगे..
अजीब तरह से गुजर रही है जिंदगी,
सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ और मिला कुछ !!
उसने पुछा कैसी लगती हूँ मैं .
.मैने कहा तुम ना सीधे दिल पर लगते हो..
लगाकर आग दिल में अब तुम चले हो कहाँ….
अभी तो राख उड़ने दो तमाशा और भी होगा |
उनका इल्ज़ाम लगाने का अंदाज ही कुछ गज़ब का था,
हमने खुद अपने ही ख़िलाफ गवाही दे दी|
कभी कभी हमारी सिर्फ एक गलती,
हजारों ग़लतफ़हमियाँ पैदा कर देती है|
वो मेरी तन्हाइयों का हिसाब क्या देगी, जो खुद ही सवाल है वो जवाब क्या देगी..
हम वो हैं जो खुदा को भूल गये,
तू मिरी जान किस गुमान में है..?
हमसे मुकम्मल हुई ना कभी, ए जिन्दगी तालीम तेरी…।
शागिर्द कभी हम बन न सके, और उस्ताद तूने बनने ना दिया ।।
हमारी उनसे ऐसे भी होती हैं बातें..
ना वो बोलते हैं ना हम बोलते हैं….!