तेरे बगैर भी

तेरे बगैर भी कहती है मुझे जीने को ये जिदंगी भी सही मशविरा नही देती।

पता नहीं क्यूँ

पता नहीं क्यूँ कभी कभी लगता है, बचपन के दिन सिर्फ पचपन ही थे !!

जिंदगी मे बस

जिंदगी मे बस एक बात याद रखना, कोई भी बात याद कर-करके परेशान न होना !!

जिंदगी जीने के लिए

जिंदगी जीने के लिए मिली थी, लोगों ने सोचने में गुजार दी !!

चाहे कोई कुछ कहे

चाहे कोई कुछ कहे हर दिल में हम जगह बना लगे लाख सितम सह कर भी हर दिल में जगह बना लेंगे|

मशाल ए आतिश

मशाल ए आतिश है ये रोग ए मुहब्बत रोशन तो करती है मगर जला जला कर |

फलक पे लिख दो

फलक पे लिख दो नाम तुम ये तमन्ना है मेरी , पर! मुझ तक आने का वो रास्ता याद रखना !

खुदा जाने कौनसा

खुदा जाने कौनसा गुनाह कर बैठे है हम कि,,, तमन्नाओं वाली उम्र में तजुर्बे मिल रहे है|

अजीब हूं मैं

अजीब हूं मैं भी कि अपने आप को गंवाना चाहता हूँ … कि अपने आप से पीछा छुड़ाना चाहता हूँ … !!

बात का ज़ख्म है

बात का ज़ख्म है तलवार के ज़ख़्मो के सिवा । कीजे क़त्ल मगर मुँह से कुछ इरशाद न हो ।।

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