बडे अजीब लोग

बडे अजीब लोग हमने देखे चलते-फिरते यहाँ खुद की जीत के लिए औरों को बदनाम करते सब यहाँ !!

आजकल खुद से

आजकल खुद से बात करते हैं …. ये सोचकर कि सुन रहे हो तुम !!

मुझे मंज़ूर थे

मुझे मंज़ूर थे वक़्त के हर सितम मगर, तुमसे बिछड़ जाना ये सज़ा कुछ ज्यादा हो गई…

कठिन है तय करना

कठिन है तय करना उम्र का सफ़र तन्हा, लौट कर न देखूँगा चल पड़ा अगर तन्हा…

दिल को शोलों से

दिल को शोलों से करती है सैराब।। ज़िन्दगी आग भी है, पानी भी।।

मिले थे एक अजनबी बनकर….

मिले थे एक अजनबी बनकर…. आज मेरे दिल की जरूरत हो तुम|

तेरी सूरत को

तेरी सूरत को जब से देखा है मेरी आँखों पे लोग मरते हैं…

सोचा था छुपा लेंगे

सोचा था छुपा लेंगे अपना ग़म… पर ये कम्बख़त “आँखे” ही दगा कर गयीं…

वक़्त ही कुछ

वक़्त ही कुछ ऐसा आ ठहरा है अब… यादें ही नहीं होतीं याद करने के लिए…

कोई बताये की

कोई बताये की मैं इसका क्या इलाज करूँ परेशां करता है ये दिल धड़क-धड़क के मुझे……….

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