आज तो हम

आज तो हम खूब रुलायेंगे उन्हें,
सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत है!

छा जाती है

छा जाती है खामोशी अगर गुनाह अपने हों..!!
बात दूसरे की हो तो शोर बहुत होता है….!!

जो जले थे

जो जले थे हमारे लिऐ,
बुझ रहे है वो सारे दिये,
कुछ अंधेरों की थी साजिशें,
कुछ उजालों ने धोखे दिये..