बेपरवाह हो जाते है अक्सर वो…
जिन्हे कोई उनकी औकात से
भी ज्यादा चाहने लगता है…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बेपरवाह हो जाते है अक्सर वो…
जिन्हे कोई उनकी औकात से
भी ज्यादा चाहने लगता है…
उसे बेवफा कहकर..हम अपनी ही नजरो में गिर जाते..क्यूंकि वो प्यार भी अपना था..और पसंद भी अपनी..
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में.
ज़्यादा भीगना मत.
अगर धुल गयी सारी ग़लतफ़हमियाँ..
तो बहुत याद आएँगे हम|
वो भी एक वक्त था जब सबसे तेरी ही बातें होती थी,
आज कोई तेरा नाम भी ले तो बात बदल देते है हम !!
समझदार ही करते है अक्सर गलतिया,
कभी देखा है किसी पागल को मोहब्बत करते..!!
ख़त जो लिखा मैनें वफादारी के पते पर,
डाकिया ही चल बसा शहर ढूंढ़ते ढूंढ़ते !!
बदला हुआ वक़्त है ज़ालिम ज़माना है….
यहां मतलबी रिश्ते है फिर भी निभाना है…!!
ना थी मेरी तमन्ना कभी तेरे बगैर रहने की लेकिन,
मज़बूर को, मज़बूर की, मज़बूरियां, मज़बूर कर देती हैं…।।
तारीफ़ अपने आप की, करना फ़िज़ूल है….!
ख़ुशबू तो ख़ुद ही बता देती है, की वो कौन सा फ़ूल है……!!
मुसीबतों से निखरती हैं शख्सियतें यारों…….
जो चट्टानों से न उलझे वो झरना किस काम का…….