तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी
और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ ..!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी
और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ ..!
गंदगी नज़रों में होती है
वरना कचरा बीनने वालों को तो कचरे में भी रोटी दिखती है..
“रौशनी के लिए दिया जलता हैं
,शमा के लिए परवाना जलता हैं,
कोई दोस्त न हो तो दिल जलता हैं,
और दोस्त आप जैसा हो जो ज़माना जलता हैं.”