मत पूछों मुझसे मोहब्बत का हिसाब,
मैंने कतरों-कतरों में समन्दर बहाया है…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मत पूछों मुझसे मोहब्बत का हिसाब,
मैंने कतरों-कतरों में समन्दर बहाया है…
जो नजर से गुजर जाया करते हैं,
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं,
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं|
अलविदा कहते हुए जब मैंने
मांगी उससे कोई निशानी
वो मुस्कुरा के बोले मेरी जुदाई ही
काफ़ी हैं तुझे रुलाने के लिए..!!
मुझे इस बात का ग़म नहीं की तुमबेवफा निकले,
अफसोस तो इस बात का हैं कि लोग सच निकले…
खुशबू बनूं तेरी रूह की ,
महका दे तू मुझे |खो जांऊ मैं तुझमें ,
अपनाले तू मुझे ||
पिघलती बर्फ सी है ये जवानीं !
जुड़ी है साथ सबके ये कहानीं !!
जुबां से आग फिर भी हैं वो लगाते !
सुना फ़ितरत भी उनकी है पुरानी !!
मुझे इस बात का ग़म नहीं की तुमबेवफा निकले,अफसोस तो इस बात का हैं कि लोग सच निकले…
मेरी मसरूफियत के हर लम्हे में शामिल है उसकी यादेँ…सोचो मेरी फुरसतों का आलम क्या होगा..
कुछ तो शराफत सीख ले ऐ ‘मोहब्बत’ शराब से,
बोतल पे कम से कम लिखा तो है कि मैं जानलेवा हूँ..
नसीहते न दो, हम इश्क़ करने वालो को ,
ये आग और भी भड़क जायेगी कह दो बुझाने वालो से