बहता आँसू एक

बहता आँसू एक झलक में कितने रूप दिखाएगा आँख से होकर गाल भिगो कर मिट्टी में मिल जाएगा।।

फिर पलट रही है

फिर पलट रही है सर्दियों की सुहानी रातें … फिर तेरी याद में जलने के ज़माने आये..

इस अनोखी दुनिया का

इस अनोखी दुनिया का, बस यही एक तोहफा है । खूब लुटाया अपनापन, फिर भी जाने क्यों लोग खफा हैं ।

इस स्वार्थी दुनिया मे

इस स्वार्थी दुनिया मे जीना है तो… नींद मे भी पैर हिलाते रहो….!! वर्ना लोग मरा हुआ समझ कर.., जलाने मे देर नही लगाएंगे….!

सच पूछो तो

सच पूछो तो खुशबु भी झूठी लगी मुझे ….. देखा जो मैंने फूल को फूल बेचते …!!

रौनकें कहां दिखाई

रौनकें कहां दिखाई देती हैं, अब पहले जैसी… अखबारों के इश्तेहार बताते हैं, कोई त्यौहार आया है…

नींद और मौत में क्या फर्क है

नींद और मौत में क्या फर्क है…? किसी ने क्या खूबसूरत जवाब दिया है…. “नींद आधी मौत है” और “मौत मुकम्मल नींद है”

कैसी गुज़र रही है

कैसी गुज़र रही है,सभी पूछते हैं, कैसे गुजारता हूँ,कोई पूछता नहीं !

ये तो अच्छा है कि मेरे

ये तो अच्छा है कि मेरे हर ख़्वाब पूरे नहीं होते.. वरना मेरे दोस्त किन-किन को भाभी जी कहकर बुलाते..!!

उम्मीद न कर इस दुनिया

उम्मीद न कर इस दुनिया मेँ, किसी से हमदर्दी की..! !. बड़े प्यार से जख्म देते हैँ, शिद्दत से चाहने वाले…!!

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