जो मांगू वो दे दिया कर…ऐ ज़िन्दग़ी …!!
तू बस…मेरी माँ की तरह बन जा…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जो मांगू वो दे दिया कर…ऐ ज़िन्दग़ी …!!
तू बस…मेरी माँ की तरह बन जा…
जख्मों को अपने अब ढक कर चलता हूँ…
आजकल लोगों के लहजों में ही नमक झलकता है…!!
मिट जाते है वो
औरों को मिटाने वाले
.
लाश कहा रोती है?
रोते हैं जलाने वाले
हसरतें मचल गयी जब तुमको सोचा एक पल के लिए;
सोचो दीवानगी तब क्या होगी,जब तुम मिलोगे मुझे उम्र भर के लिए…..
कुछ पाने की बेचैनियाँ भी होनी चाहियें दिल में
वरना जीने का क्या फायदा…
क्यो नही मिलता कोई शक्स अपने जैसा
यूँ तो इस दुनिया में क़िरदार बहुत है…
अब तुमको भूल जाने की कोशिश करेंगे हम…
…
तुमसे भी हो सके तो ना आना, मेरे ख्यालों में !
तुम्हारा दीदार..और वो
भी..आँखों में आँखें डालकर….
.हाय
ये कशिश.. बयाँ करना, मेरे बस की बात नही…. ।।
मेरी आँखों की सुर्खी देख
कर कहने लगे हैं लोग,
”
.
.
.
.
लगता है तेरा प्यार तुझे आजमाता बहुत है……!!
सफ़र तुम्हारे साथ बहुत
छोटा था ……!!
.
.
मगर….
.
.
यादगार हो गये तुम अब ज़िंदगी भर के लिए…!!