ऐसा नहीं कि

ऐसा नहीं कि कहने को कुछ नहीं बाकी,
मैं बस देख रहा हूँ क्या ख़ामोशी भी समझते हैं सुनने वाले…!

जिदंगी में कभी

जिदंगी में कभी किसी बुरे दिन से रूबरू हो जाओ,

तो इतना हौंसला जरुर रखना की दिन बुरा था जिंदगी नहीं…!!!

कहाँ मांग ली

कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए-खुदा..
सिसकते हुए शब्दों में बस एक शख्स ही तो मांगा था..!