बस एक दिन

वो कहते हैँ हम उनकी झूठी तारीफ करते हैँ…
ए खुदा..
बस एक दिन.. आईने को जुबान दे दे..

चराग़ ही ने उजालों की

चराग़ ही ने उजालों की परवरिश की है
चराग़ ही से उजाले सुबूत मांगते हैं

हम अहले दिल से हमारी वतनपरस्ती का
वतन को बेचने वाले सुबूत मांगते हैं…