हमको क़तरा कहकर

हमको क़तरा कहकर हँसना ठीक नहीं यार समंदर हम भी पानी वाले हैं

रोकने में क्यों लगी है

रोकने में क्यों लगी है दुनिया… इश्क़ है, फ़साद थोड़ी है साहब!!

तुम्हारी प्यारी सी नज़र

तुम्हारी प्यारी सी नज़र अगर इधर नहीं होती, नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती, तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता है, फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर नहीं होती..

पढ़ने वालों की कमी

पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने में,नहीं तो गिरता हुआ एक-एक आँसू पूरी किताब है!!

आओ बैठो करीब मेरे

आओ बैठो करीब मेरे कुछ तो बात करो,मैं हूँ ख़ामोश गर तो तुम ही शुरुआत करो…

तारीफ़ करने वाले

तारीफ़ करने वाले बेशक आपको पहचानते होंगे, मगर फ़िक्र करने वालो को आपको ही पहचानना होगा

सोचा था घर बना कर

सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से.. पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला

एक युग था

एक युग था आँसूओं से मैल धो लेते थे सब… अब जरा सी बात पर खंज़र भी है, पत्थर भी है..

खूबसूरत सा रिश्ता

बड़ा खूबसूरत सा रिश्ता है तेरा और मेरा.. न तूने कभी बाँधा और न मैने कभी छोड़ा !!

खत की खुशबु

खत की खुशबु बता रही है…. लिखते वख्त उनके बाल खुले थे…

Exit mobile version