जो जरा किसी ने छेड़ा तो छलक पड़ेंगे आँसू..
कोई मुझसे ये ना पूछें मेरा दिल उदास क्यूँ है..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जो जरा किसी ने छेड़ा तो छलक पड़ेंगे आँसू..
कोई मुझसे ये ना पूछें मेरा दिल उदास क्यूँ है..
खतों से मीलों सफर करते थे जज़्बात कभी,
अब घंटों बातें करके भी दिल नहीं मिलते…!
कुछ हार गयी तकदिर, कुछ टूट गये सपने,
कुछ गैरो ने बरबाद किया, कुछ छोड़ गये अपने…!!
जो बेसब्र ना हो,
तो फिर वो मुहब्बत कैसी…..
धडकनो को भी रास्ता दे दीजिये,जनाब,
आप तो सारे दिल पर कब्जा किये बैठे है…
बस तुम्हेँ पाने की तमन्ना नहीँ रही..
मोहब्बत तो आज भी तुमसे बेशुमार करतेँ हैँ.
अपनी जुबान से किसी की बुराई मत करो,
क्योंकि…
बुराइयाँ हमारे अंदर भी हैं,और जुबान दूसरों के पास भी है.!
कह दो कोई उन्हें कि अपना सारा वक्त दे दें मुझे,
जी नहीं भरता मेरा जरा जरा सी मुलाकातों से !
पास बैठे इंसान के लिए वक्त नहीं है…!!!
दूर वाले.. आजकल नजदीक बहुत हैं…
अब तो बड़ा मुश्किल काम दे दिया किस्मत ने मुझको,
कहती है तुम तो सबके हो गए अब ढूंढो उनको जो तुम्हारे है।