होटल वाले ने जब पूछा चाय के साथ क्या लोगे,
तब मन से एक ही अलफाज निकला,
पुराने दोस्त दे सकते हो क्या….
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कंद-मूल खाने वालों से
कंद-मूल खाने वालों से
मांसाहारी डरते थे।।
पोरस जैसे शूर-वीर को
नमन ‘सिकंदर’ करते थे॥
चौदह वर्षों तक खूंखारी
वन में जिसका धाम था।।
मन-मन्दिर में बसने वाला
शाकाहारी राम था।।
चाहते तो खा सकते थे वो
मांस पशु के ढेरो में।।
लेकिन उनको प्यार मिला
‘ शबरी’ के जूठे बेरो में॥
चक्र सुदर्शन धारी थे
गोवर्धन पर भारी थे॥
मुरली से वश करने वाले
‘गिरधर’ शाकाहारी थे॥
पर-सेवा, पर-प्रेम का परचम
चोटी पर फहराया था।।
निर्धन की कुटिया में जाकर
जिसने मान बढाया था॥
सपने जिसने देखे थे
मानवता के विस्तार के।।
नानक जैसे महा-संत थे
वाचक शाकाहार के॥
उठो जरा तुम पढ़ कर देखो
गौरवमय इतिहास को।।
आदम से गाँधी तक फैले
इस नीले आकाश को॥
दया की आँखे खोल देख लो
पशु के करुण क्रंदन को।।
इंसानों का जिस्म बना है
शाकाहारी भोजन को॥
अंग लाश के खा जाए
क्या फ़िर भी वो इंसान है?
पेट तुम्हारा मुर्दाघर है
या कोई कब्रिस्तान है?
आँखे कितना रोती हैं जब
उंगली अपनी जलती है।।
सोचो उस तड़पन की हद जब
जिस्म पे आरी चलती है॥
बेबसता तुम पशु की देखो
बचने के आसार नही।।
जीते जी तन काटा जाए,
उस पीडा का पार नही॥
खाने से पहले बिरयानी,
चीख जीव की सुन लेते।।
करुणा के वश होकर तुम भी
गिरी गिरनार को चुन लेते॥
शाकाहारी बनो…!
।।.शाकाहार-अभियान.।।
कृपया ये msg मनवता को जीवित रखने के लिए सभी को भेजें।
Brothers and sisters
Brothers and sisters are as close as hands and feet.
पलकों में कैद कुछ सपने हैं
पलकों में कैद कुछ सपने हैं ,
कुछ बेगाने और कुछ अपने हैं ,
ना जाने क्या कशिश है इन ख्यालों में ,
कुछ लोग दूर हो भी अपने हैं .
A lack of transparency results
A lack of transparency results in distrust and a deep sense of insecurity.
“It’s hard to forget someone
“It’s hard to forget someone, who gave you so much to remember”
Work isn’t to make money
Work isn’t to make money,you work to justify life
भले ही कोशिशें करो समझदार बनने की
भले ही कोशिशें करो समझदार बनने की,
लेकिन खुशियाँ बेवकूफियों से ही मिलेगी
You only lose what you cling to
You only lose what you cling to.
Before you can win
Before you can win,
you have to believe you are worthy.