ये ख्वाब है

ये ख्वाब है, खुश्बू है, के झोंका है के तुम हो…!

ये धुंध है, बादल है, के साया है, के तुम हो …

तेरी शब मेरे

तेरी शब मेरे नाम हो जाये
नींद मुझ पर हराम हो जाये

लौट आता है घर परिन्दा भी
इससे पहले कि शाम हो जाये