खतावार समझेगी दुनिया तुझे ..
अब इतनी भी ज्यादा सफाई ना दे
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
खतावार समझेगी दुनिया तुझे ..
अब इतनी भी ज्यादा सफाई ना दे
मेहनत करते थकता नहीं
मजदूर का बदन,
और अमीर नोट भी गिनते है
तो मशीन लगाकर…
न जाने कौन सी दौलत है तेरे लफ़्ज़ों में,
बात करते हो तो दिल खरीद लेते हो!
अगर चाहुँ तो एक पल में तुम्हें भुला दुँ…
पर चाहने से क्या होता है, चाहता तो “मैं” तुम्हे भी बहुत था..!!
निभाते नही है..लोग आजकल..!
वरना..इंसानियत से बड़ा रिश्ता कौन सा है..
एक अरसा गुजर गया तुम बिन फिर तेरी यादे क्यों नहीं गुजर जाती इस दिल से |
खतों से मीलों सफर करते थे जज़्बात कभी,
अब घंटों बातें करके भी दिल नहीं मिलते…!
किसी के अंदर जिंदा रहने की
ख्वाहिश में …
हम अपने अंदर मर जाते हैं …
ऐसा नहीं कि शख्स अच्छा नहीं था वो,
जैसा मेरे ख्याल में था, बस वैसा नहीं था वो….
एक ही बात सच है दुनिया में…आप किसी को हमेशा खुश नहीं रख सकते|