इन मासूम निगाहों को पहचानती तो होगी न तुम.!!
!!.अब इनमे दर्द और अश्कों की वजह सिर्फ तुम हो..
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खींचो न कमानों को
खींचो न कमानों को,न तलवार निकालो,
ग़र दुश्मन हो मुकाबिल तो अखबार निकालो।
किसके सर डाले
किसके सर डाले इल्जाम मौत ए मासुमियत का
शौक भी तो हमे ही था समझदार होने का |
कमजोरियां मत खोज
कमजोरियां मत खोज मुझमें मेरे दोस्त,
एक तू भी शामिल है मेरी कमजोरियों मे….
नज़दीकियों से दूर ना कर
अपनी नज़दीकियों से दूर ना कर मुझे…,।
मेरे पास जीने की वजहें बहुत कम है…।
ख़्वाहिशों का कैदी हूँ
ख़्वाहिशों का कैदी हूँ,
मुझे हकीक़तें सज़ा देती हैं..
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम
असल में उन्ही से रिश्ते गहरे होते हैं…
घर का सन्नाटा
गलियों की उदासी पूछती है, घर का सन्नाटा कहता है…
इस शहर का हर रहने वाला क्यूँ दूसरे शहर में रहता है..!
वो बोले मुझे
वो बोले मुझे विरानियाँ पसँद है,हमने कहा मेरे दिल की सैर कर लो|
याद ही नहीं रहता
याद ही नहीं रहता कि लोग
छोड़ जाते हैं.आगे देख रहा था, कोई पीछे से चला गया…