जब हम लिखेंगे दास्तान-ए-जिदंगी तो,
सबसे अहम किरदार तुम्हारा ही होगा..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जब हम लिखेंगे दास्तान-ए-जिदंगी तो,
सबसे अहम किरदार तुम्हारा ही होगा..
हमारे दिल में भी झांको अगर मिले फुरसत…
हम अपने चेहरे से इतने
नज़र नहीं आते…
खुद से भी मिल न सको, इतने पास मत होना
इश्क़ तो करना, मगर देवदास मत होना…!
तड़प रही है
सांसे तुझे महसूस करने को…फिजा में खुशबू
बनकर बिखर जाओ
तो कुछ बात बने |
मुहब्बत कहानियों में थी तुम सच में ढूंढने निकल पड़े हो. ..
ये कौन सा रिश्ता है
जो मेरी आँखो से रिस्ता है
जब आता है गर्दिश का फेर ,
मकड़ी के जाले में फसता है शेर…
किताबों की तरह हैं हम भी….
अल्फ़ाज़ से भरपूर, मगर ख़ामोश…
हम वो ही हैं, बस जरा ठिकाना बदल गया हैं अब…!!!
तेरे दिल से निकल कर, अपनी औकात में रहते है…!!
कल तुझे देख के याद आया
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हम भी कभी तेरे हुआ करते थे