ये चांद की आवारगी भी यूंही नहीं है,
कोई है जो इसे दिनभर जला कर गया है..
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हम ने तो वफ़ा के
हम ने तो वफ़ा के लफ़्ज़ को भी वजू के
साथ छूआ जाते वक़्त उस ज़ालिम को
इतना भी ख़याल न हुआ
परिन्दों की फिदरत से
परिन्दों की फिदरत से आये थे वो मेरे दिल में ,
जरा पंख निकल आये तो आशियाना छोड़ दिया ..
गलती उनकी नहीं
गलती उनकी नहीं कसूरवार मेरी गरीबी थी दोस्तो
हम अपनी औकात भूलकर बड़े लोगों से दिल लगा बैठे !!
मैं आदर्शों पर
मैं आदर्शों पर चलने की बातें करता हूँ !
मेरा अक्सर लोगों से झगड़ा हो जाता है !!
तुम लाख छुपाओ …..
तुम लाख छुपाओ ……मुझसे जो रिश्ता है…. तुम्हारा…..
सयाने कहते हैं नजर अंदाज करना भी मुहब्बत है…..
जिसे शिद्दत से
जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है,
बस मुद्दतों से ही नहीं मिला कोई शिद्दत से चाहने वाला!
ज़िन्दगी के मायने
ज़िन्दगी के मायने तो याद तुमको रह जायेंगे ,
अपनी कामयाबी में कुछ कमी भी रहने दो..
आपको मिलेगा भी नही..
सज़दा कीजिये या मांगिये दुआये..
जो आपका है ही नही वो आपको मिलेगा भी नही..
जो दिल की गिरफ्त में
जो दिल की गिरफ्त में हो जाता है,
मासूक के रहमों-करम पर हो जाता है,
किसी और की बात रास नहीं आती,
दिल कुछ ऐसा कम्बख्त हो जाता है,
मानता है बस दलीले उनकी,
ये कुछ यूँ बद हवास हो जाता है,
यार के दीदार में ऐसा मशगूल रहता है,
कि अपनी खैरियत भूल कर भी सो जाता है,
खुदा की नमाज भी भूल कर बैठा है,
कुछ इस कदर बद्सलूक हो जाता है,
जब दिल की गिरफ्त मे हो कोई,
जाने क्या से क्या हो जाता है…