वक़्त के साथ

वक़्त के साथ हर कोई बदल जाता है
गलती उसकी नहीं जो बदल जाता है
बल्कि गलती उसकी है जो
पहले जैसा रह जाता है

लो आज हम तुमसे

लो आज हम तुमसे निकाह-ए-इश्क करते हैं ……

हाँ मुझे तुमसे “मोहब्बत है , मोहब्बत है , मोहब्बत है”……..

तुम्हारा दीदार और

तुम्हारा दीदार और वो भी आँखों में आँखें डालकर….!
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उफ्फ्फ्फ्फ़…..
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ये कशिश कलम से बयाँ करना भी मेरे बस की बात
नही….!!