Tum Khud Ko
Samajhte Ho Na Jaane Kya
Kya. .Hum Bhi Kuch Nahin
Samajhte Tumhein
Zindagi Ke Siwa…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
Tum Khud Ko
Samajhte Ho Na Jaane Kya
Kya. .Hum Bhi Kuch Nahin
Samajhte Tumhein
Zindagi Ke Siwa…
If you
don’t like who you are and where you are, don’t worry about it
because you’re not stuck either with who you are or where you
are. You can grow. You can change. You can be more than you
are. ….
…..
………?
एक दिन हम मिलेंगे सूखे गुलाबों में,
बारिश की बूंदों में, कलम में, किताबों में ।।
हवाओं की भी अपनी
अजब सियासत है …
कहीं बुझी राख……भड़का दे,
कहीं जलते दीये बुझा दे……
अजीब शख्स हूँ मैं, अजीब मिज़ाज़ में रहता हूँ..
…
कर देता हूँ खुश सबको पर खुद उदास रहता हूँ ।
दर्द जब भी हुवा इस क़दर हुआ..
के जेसे फिर कभी होना ही नहीं..!”
उसके क़दमों में बिछा दूं आँखें..
मेरी बस्ती से गुज़रे तो सही..!
Kaheen agr lag jaaye dil to..
Kaheen phir dil naa laagy..!
ये ना समझ तेरे आसरे हूँ..
…
इश्क़ की दुनिया का बाल ठाकरे हूँ ।
क्या हूआ अगर लोग मेरे बारे मे गलत बात करते है,
ये वो ही लोग है,जो कभी मेरी जान हुआ करते थे !!