तब्दिलियाँ और समझौते

कुछ तब्दिलियाँ और समझौते कर लिए हैं हालात – ए ज़िदंगी से हमने
अब आकाश में मौन तलाशते हैं और पीछे मुड़ कर देखने की आदत छोड़ दी है !!

बात मोहब्बत की

बात मोहब्बत की थी, तभी तो लूटा दी जिंदगी तुझ पे……!

जिस्म से प्यार होता तो….तुझ से भी

हसीन चेहरे बिकते है,बाजार में….!!