उस रात से हम ने सोना ही छोड़ दिया
‘यारो’
जिस रात उस ने कहा कि
सुबह आंख खुलते ही हमे भूल जाना..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उस रात से हम ने सोना ही छोड़ दिया
‘यारो’
जिस रात उस ने कहा कि
सुबह आंख खुलते ही हमे भूल जाना..
आज सुबह के घने कोहरे ने गजब सीख दी,
बहुत दूर तक देखने की कोशिश व्यर्थ है…
एक एक कदम चलते चलो,
रास्ता स्वयं खुलता जाएगा..!
ज़रा सी तबियत क्या खराब
हुई बूढ़े बाप की ,
बेटे वकील को बुला लाये….. डाक्टर से पहले।
दिल गवारा नहीं करता है शिकस्त-ए-उम्मीद
हर तग़ाफ़ुल पे नवाज़िश का गुमाँ होता है|
किसी के पास टुटा हुआ दिल है क्या..
आधा मेरे वाला जोड़के एक नया दिल बनाना था… !!
सोचते रहे ये रातभर. हम करवट बदल बदलकर…
.
जानें क्या बात है तुम में दिल कहीं और लगता ही नहीं.
धीरे-धीरे ही सही, उन्हे भी आ गया तज़ुर्बा भूलने का;
काश हमे भी यूँ, भूलने का करिश्मा आ जाए….. !!
सब्र तहज़ीब है मुहब्बत की
और तुम समझते रहे बेज़ुबान हैं हम
मिट गई बर्बाद-ए-दिल की शिकायत दोस्तों…!
अब गुलिस्ताँ रख दिया है मै ने वीराने का नाम
लोगों की बातें सुनकर,,मुझे छोड़ जाने वाले…
हम कितने बुरे थे, तुम पता तो कर लेते!