आँसु बहा-बहा कर भी होते नहीं हैं कम….!!
कितनी अमीर होती हैं, आँखें ग़रीब की….!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आँसु बहा-बहा कर भी होते नहीं हैं कम….!!
कितनी अमीर होती हैं, आँखें ग़रीब की….!!!
उसकी जब मर्जी होती है वो हम से बात करती हैं.
पर हमारा पागलपन तो देखो
हम फिर भी पूरा दिन
उसकी मर्जी का इंतजार करते हैं|
लगता है..
इस बरस मोहब्बत हो ही जायेगी मुझे..
मेने ख्वाबो में खुद को मरते हुए देखा है..
सितारों की फसलें उगा ना सका कोई
मेरी ज़मीं पे कितने ही आसमान रहे
करवट बदलने का क्या फायदा,
इस तरफ भी तुम, उस तरफ भी तुम
अजीब बात है वो एक सी खताओं पर
किसी को कैद किसी को रिहाई देता है|
तेरी हालत से लगता है तेरा अपना था कोई….!!
“इतनी सिद्दत से बरबाद कोई गैर नहीं करता..!!
वक़्त बदलता है ज़िन्दगी के साथ;
ज़िन्दगी बदलती है वक़्त के साथ;
वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ;
बस अपने बदल जाते हैं वक़्त के साथ |
माँग रही थी कामवाली बाई थोड़े ज्यादा पैसे
बहू ने थोड़ा प्यार दिखाकर अपनी सास को गाँव से बुला लिया…
हम तो नरम पत्तों की शाख हुआ करते थे….
छीले इतना गए की खंजर हो गए….