मेरे अश्कों में

मेरे अश्कों में तेरा चेहरा झलकता हैं,

तेरी यादों के सहारे दिल मेरा धड़कता हैं,

तु जो दूर हुआ हैं मुझसे…

साँसो का सिलसिला

रूक-रूक फिर तुझसे

मिलने चल पड़ता हैं…

पास आकर सभी

पास आकर सभी दूर चले जाते हैं;
अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते हैं;
इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे;
मल्हम लगाने वाले ही जखम दे जाते हैं!

कहाँ मांग ली थी

कहाँ मांग ली थी कायनात मैंने,
जो इतना दर्द मिला,
ज़िन्दगी में पहली बार खुदा,
तुझसे ज़िन्दगी ही तो मांगी थी।।