तुम नहीं आओगी कभी यह जानता हूँ ,
फिर भी दरवाजे पर हर दस्तक मुझे अपनी सी लगती है|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तुम नहीं आओगी कभी यह जानता हूँ ,
फिर भी दरवाजे पर हर दस्तक मुझे अपनी सी लगती है|
रुको अभी महफ़िल ना उठाओ….
कि एक नया दर्द लेकर आया हु अभी अभी|
कुछ तो असर था उसकी मुस्कराहट
मे तभी तो..!!
आज भी ये दिल दुनिया कि भिड़ मे
उसे ही ढूंढता है..!!
अभी-अभी एक टूटा तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था,
चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा बिलकुल तेरे जैसा था !
कभी उदास बेठे हो तो बताना…
पगली हम फिर से दिल दे देंगे खेलने के लिए
हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला जो दिया,
हँस के वो कहने लगे रात गई बात गई|
मत कर इतना गुरुर खुद पर…
हमने चाहना छोड़ दिया…
तो लोग पूछना भी छोड़ देंगे|
जिन्दगी ने सवालात बदल डाले, वक्त ने हालात बदल डाले,
हम तो आज भी वही हैं जो कल थे,
बस लोगों ने अपने ख्यालात बदल डाले।
मुहब्बत क्या है चलो दो लफ़्ज़ों में बताते हैं,
तेरा मजबूर कर देना,मेरा मज़बूर हो जाना।।
उनके आने के इंतज़ार में हमनें;
सारे रास्ते दिएँ से जलाकर रोशन कर दिए!
उन्होंने सोचा कि मिलने का वादा तो रात का था;
वो सुबह समझ कर वापस चल दिए।