फासलों से अगर

फासलों से अगर.. मुस्कुराहट लौट आये तुम्हारी…
तो तुम्हे हक़ है.. कि तुम… दूरियां बना लो मुझसे….

दुसरो की छांव में

दुसरो की छांव में खड़े रहकर,
हम अपनी परछाई खो देते है,

खुद की परछाई के लिये तो,
हमे धूप में खड़ा होना पड़ता है..