बडे अजीब लोग

बडे अजीब लोग हमने देखे चलते-फिरते यहाँ
खुद की जीत के लिए औरों को बदनाम करते सब यहाँ !!

इस कब्र में भी

इस कब्र में भी सुकूं की नींद नसीब नही हुई गालिब…

रोज फरिश्ते आकर कहते है आज कौई नया शेर सुनाओ|

बस थोड़ी दूर है

बस थोड़ी दूर है घर उनका,
कभी होता ना दीदार उनका ।
मेरी यादों में है बसर उनका,
इतफ़ाक या है असर उनका ।
सहर हुई है या है नूर उनका,
गहरी नींद या है सुरुर उनका ।
पूछे क्या नाम है हुज़ूर उनका,
हम पे यूँ सवार है गुरुर उनका ।
हर गिला-शिकवा मंजूर उनका ।