यही हुनर है उस स्याही का
जो हर किसी की कलम में होती नहीं..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
यही हुनर है उस स्याही का
जो हर किसी की कलम में होती नहीं..
हमें गुजारने को ज़िन्दगी थी बस एक बहाने कि जरुरत,
रास्ते में लोग गम देते गये और हमारी बसर होती गयी…..
जो करते है मोहब्बत सूरत देखकर,
वो करते है वफ़ा जरूरत देखकर !!
ऐसे माहौल में दवा क्या दुआ क्या हैं…
जहाँ कातिल ही खुद पूछे की हुआ क्या हैं…
लोग कहते हैं कि दुआ क़ुबूल होने का भी वक़्त होता है….
हैरान हूँ मैं किस वक़्त मैंने तुझे नहीं माँगा….
मेरे न हो सको तो कुछ ऐसा कर दो,
मैं जैसा था मुझे फिर से वैसा कर दो !!
प्यार अगर सच्चा हो तो कभी नहीं बदलता,
ना वक्त के साथ ना हालात के साथ।
हम इश्क के फ़कीर है प्यारे
छीनकर ले जायेंगे…
दिल की धड़कने तुम्हारी
तू इतना प्यार कर जितना तू सह सके,
बिछड़ना भी पड़े तो ज़िंदा रह सके !!
मेरी नासमझी की भी हद ना पूछिए दोस्तों, उन्हें खोकर हम फिर उन जैसा ही ढूढ रहे हैं….