देखा आज मैने रास्ते पर

देखा आज मैने
रास्ते पर बिखरा हुआ
सुख जो दौलत का था
दुख जो औरत का था

रास्ते पर खड़ी हुई
सोचती ये रह गई
किस कदर गिर गया
इंसान जो कुदरत का था