आँखों में भी कुछ सपने सो जाते हैं
सपनों में भी मुश्किल जब उनका आना लगता है….
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यादों को याद बना कर
यादों को याद बना कर रख लिया
जज्बातों को तेज़ाब बना कर रख लिया
अपनी हदों में
अपनी हदों में रहिए कि रह जाए आबरू,
ऊपर जो देखना है तो पगड़ी सँभालिये
बिखरने के बहाने
बिखरने के बहाने तो बहुत मिल जाएँगे …
आओ हम जुड़ने के अवसर खोजें..!
कोई वक़ालत नही चलती
कोई वक़ालत नही चलती ज़मीं वालो की जब कोई फैसला आसमाँ से उतरता है…!!!
समझ ही नहीं पाता
कुछ रिश्तों के खत्म होने की वजह
सिर्फ यह होती है कि..
एक कुछ बोल नहीं पाता
और दुसरा कुछ समझ ही नहीं पाता।
ये क्यूँ था
ये क्यूँ था जनाज़े पे हुजुम मेरे?
जबकि तन्हा तन्हा थी जिंदगी।
अजीब सी बस्ती में
अजीब सी बस्ती में ठिकाना है मेरा।
जहाँ लोग मिलते कम, झांकते ज़्यादा है।
मुहब्बत की कोई कीमत
मुहब्बत की कोई कीमत मुकर्रर हो नही सकती है,
ये जिस कीमत पे मिल जाये उसी कीमत पे सस्ती है…..
चलने दो जरा आँधियाँ
चलने दो जरा आँधियाँ हकीकत की,
न जाने कौन से झोंके मैं अपनो के मुखौटे उड़ जाये।