छू जाते हो

छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर..
ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नहीं..

जब शहर के लोग

जब शहर के लोग न रास्ता दे क्यों वन में ना मैं जा कर ठहरु…

दीवानो की सी न बात करे तो और करे दीवाना क्या…