नज़र से नज़र मिलाकर तुम नज़र लगा गए…
ये कैसी लगी नज़र की हम हर नज़र में आ गए!!
Tag: शायरी
दिल को समझाने के बहाने
दिल को समझाने के बहाने बहुत हैं
पर आंखों के आँसू को छुपाऊँ कहाँ ?
कल जहाँ में था
कल जहाँ में था, आज वहाँ कोई और है।
वो भी एक दौर था, ये भी एक दौर है।
खुलासा तो कर दूँ
खुलासा तो कर दूँ ,अपनी मोहब्बत कामगर…
मेरी ये संपत्ति,मेरी आय से अधिक है.!!!
मैं पसंद तो बहुत हूँ
मैं पसंद तो बहुत हूँ सबको,पर…
जब उनको मेरी ज़रुरत होती तब..!!
सच ये है
सच ये है पहले जैसी वो चाहत नहीं रही…
लहजा बता रहा है मोहब्बत नहीं रही..
सुना है हमें
सुना है हमें वो भुलाने लगे हैं…
तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं..
मौत बेवज़ह बदनाम है
मौत बेवज़ह बदनाम है साहब,
जां तो ज़िंदगी लिया करती है|
हम ने ठानी और है…
कोई दिन गर ज़िंदगानी और है,
अपने जी में हम ने ठानी और है…
मैंने उन तमाम परिदों के
मैंने उन तमाम परिदों के पर काट दिए…
जिन को अपने अंदर उड़ते देखा था कभी