रात हुई है

रात हुई है चाँद ज़मीं पर हौले-हौले उतरा है…..!!

तुम भी आ जाते तो सारा नूर मुकम्मल हो जाता…..!!

मैं रुठा जो

मैं रुठा जो तुमसे तुमने हमें मनाया भी नहीं ,
अपनी मोहब्बत का कुछ हक जताया भी नहीं !!

कोशिश करता हूँ

कोशिश करता हूँ लिखने की,तुम्हारी मुस्कान लिखी नहीं जाती..।
मैं तो अदना सा शायर हूँ, ये दास्तान लिखी नहीं जाती..।