पता नही होश मे हूँ या बेहोश हूँ मैं..
पर बहूत सोच समझकर खामोश हूँ मैं..
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नींदें छीन रखी है
नींदें छीन रखी है तेरी यादों ने .
गिला तेरी दुरी से करें या अपनी चाहत से..
दीवानगी के लिए
दीवानगी के लिए तेरी गली मे आते हैं..
वरना.. आवारगी के लिए सारा शहर पड़ा है..
तोड़ दो ना वो कसम
तोड़ दो ना वो कसम जो खाई है,
कभी कभी याद कर लेने में क्या बुराई है..
दर्द से मेरा
दर्द से मेरा दामन भर दे
फिर चाहे दीवाना कर दे|
अभी तो साथ चलना है
अभी तो साथ चलना है समंदरों की लहरों मॆं
. . . किनारे पर ही देखेंगे… किनारा कौन करता है?
साँसों को मोहब्बत है
साँसों को मोहब्बत है धड़कन से,हम्हे ऐसी मोहब्बत है तुमसे|
ना ढूंढ मेरा
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में…
वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है|
मेरा रफीक़ मुझको
मेरा रफीक़ मुझको आजमाने लगा
फिर मोहब्बत का मजा आने लगा|
खुद को ही खुद में
खुद को ही खुद में उलझा लिया मैंने..
मुझे वहम था, तुझे सुलझा लिया मैंने..